यूक्रेन: स्कूल पर हमले की निन्दा, मारियुपोल से सुरक्षित निकासी का स्वागत
बिलोहॉरिफ्का, सरकारी नियंत्रण वाले सेवेरोदोनेत्स्क शहर के नज़दीक है, जहाँ शनिवार को बाहरी इलाक़ों में भीषण लड़ाई होने के समाचार थे.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने महासचिव गुटेरेश की ओर से रविवार को एक वक्तव्य जारी किया.
महासचिव ने कहा कि यह हमला ध्यान दिलाता है कि अन्य हिंसक संघर्षों की तरह, इस युद्ध की भी सबसे बड़ी क़ीमत आमजन को चुकानी पड़ रही है.
समाचार माध्यमों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की के हवाले से बताया है कि स्कूल पर हुई बमबारी में कम से कम 60 लोगों की मौत हुई है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने दोहराया है कि युद्ध काल में आमजन और नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा की जानी होगी. “इस युद्ध का अन्त किया जाना होगा, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप शान्ति स्थापित की जानी होगी.”
उन्होंने भरोसा दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेन में साझीदार संगठन, युद्ध से प्रभावित लोगों के लिये हरसम्भव प्रयास जारी रखेंगे.
‘जीवन के प्रति बेपरवाही’
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने भी अपने एक ट्वीट सन्देश में इस हमले की कड़ी निन्दा की है.
“हमें अभी तक यह नहीं पता है कि इस हमले में कितने बच्चे मारे गए या घायल हुए हैं, मगर हमें डर है कि इस हमले ने उन सैकड़ों बच्चों में वृद्धि की है, जिनकी इस युद्ध के कारण पहले ही मौत हो चुकी है.”
उन्होंने दोहराया कि स्कूलों पर कभी भी हमला नहीं किया जाना होगा और ना ही उनका सैन्य उद्देश्यों के लिये इस्तेमाल किया जाना होगा.
“नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जाना...अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून का उल्लंघन है.” यूनीसेफ़ प्रमुख ने क्षोभ व्यक्त किया कि यह आमजन के जीवन के प्रति बेपरवाही को दर्शाता है.
मारियुपोल से सुरक्षित निकासी
यूएन महासचिव ने रविवार को जारी अपने एक दूसरे वक्तव्य में मारियुपोल के ऐजोवस्टाल स्टील प्लांट और अन्य इलाक़ों से 170 से अधिक आम लोगों के सुरक्षित ज़ैपोरिझिझिया पहुँचने का स्वागत किया है.
सुरक्षित निकासी अभियान को संयुक्त राष्ट्र और रैड क्रॉस के समन्वय से आगे बढ़ाया जा रहा है. यूएन प्रमुख ने कहा, “मेरी सम्वेदनाएँ उनके और यूक्रेन में उन सभी लोगों के साथ हैं, जोकि इस युद्ध में पीड़ा भुगत रहे हैं.”
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने रूस और यूक्रेन के नेताओं सहित, इस जटिल राहत अभियान में शामिल हर किसी का आभार प्रकट किया है.
अभियान के इस नवीनतम चरण के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के बाद, ऐज़ोवस्टाल स्टील प्लांट और मारियुपोल के अन्य इलाक़ों से 600 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना सम्भव हुआ है.
महासचिव ने सभी युद्धरत पक्षों से, हिंसाग्रस्त इलाक़ों को छोड़कर जाने के इच्छुक लोगों के लिये सुरक्षित रास्ता मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़े जाने का आग्रह किया है.
स्वास्थ्य सेवाओं को सहारा
इससे पहले, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शनिवार को यूक्रेन की राजधानी कीयेफ़ में एक प्रैस वार्ता के दौरान पत्रकारों को बताया कि पिछले दो दिनों में उन्होंने जो कुछ भी अनुभव किया है, वह बेहद भावुक कर देने वाला है.
“यहाँ बिताये समय ने मुझे निजी तौर पर बहुत प्रभावित किया है. एक ऐसे व्यक्ति के रूप में, जो स्वयं युद्ध क्षेत्र में बड़ा हुआ हो, मैं भली-भांति जानता हूँ कि यूक्रेन की जनता कैसा महसूस करती है – परिवार और मित्रों को जो चिन्ता, भय, कुछ खो देने का एहसास है, और भी बहुत कुछ.”
फ़रवरी महीने में, यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों का आक्रमण शुरू होने के बाद से अब तक, स्वास्थ्य केंद्रों पर 200 हमलों की पुष्टि हो चुकी है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि इन हमलों को रोका जाना होगा. स्वास्थ्य देखभाल केंद्र कभी भी निशाना नहीं होना चाहिएं.
महानिदेशक घेबरेयेसस के मुताबिक़, यूएन एजेंसी की टीम यूक्रेन की सहायता करने के लिये अथक प्रयास कर रही है, और देश में घायलों का उपचार करने, स्वास्थ्य सेवाओं को बरक़रार रखने और स्वास्थ्य प्रणाली को सुचारू बनाने के लिये समर्थन जारी रखा जाएगा.
मगर, उन्होंने स्पष्ट किया कि फ़िलहाल, यूक्रेन के लिये सबसे कारगर उपाय, शान्ति है, और इसके लिये उन्होंने रूसी महासंघ से युद्ध रोके जाने का आग्रह किया है.