महासचिव की सेनेगल यात्रा: यूक्रेन में युद्ध से अफ़्रीका में ‘तिहरा संकट’ गहराया
यूएन प्रमुख, कोविड-19 महामारी के शुरू होने के बाद से पहली बार अफ़्रीका की यात्रा पर है और उनका पहला पड़ाव सेनेगल की राजधानी डाकर में है.
महासचिव गुटेरेश ने सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी साल्ल से मुलाक़ात के बाद कहा, “सामाजिक-आर्थिक हालात पर चर्चा करते समय, यूक्रेन में युद्ध और अफ़्रीका पर उसके असर का उल्लेख ना करना असम्भव है.”
यूक्रेन में संकट के कारण दुनिया भर में खाद्य सामग्री और ईंधन की क़ीमतों में वृद्धि हुई है.
संयुक्त राष्ट्र ने चिन्ता जताई है कि बढ़ती क़ीमतों से निर्धनता के गर्त में धँसने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की आशंका गहरा रही है, जिससे अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में राजनैतिक अस्थिरता और सामाजिक अशान्ति पनप सकती है.
ग़ौरतलब है कि लगातार पिछले साल से अफ़्रीका के कुछ देशों में खाद्य क़ीमतों में, एक तिहाई उछाल दर्ज किया गया है.
24 फ़रवरी को रूसी आक्रमण की शुरुआत से पहले, जलवायु परिवर्तन, हिंसक संघर्ष और कोविड-19 महामारी का अफ़्रीका की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर असर गहरा हो रहा था, विशेष रूप से सहेल क्षेत्र में जहाँ सेनेगल भी है.
वैक्सीन समता
इससे पहले, यूएन प्रमुख और राष्ट्रपति साल्ल ने वैक्सीन उत्पादन के लिये बनाए जा रहे, एक हाई टैक केंद्र का दौरा किया.
इस केंद्र के तैयार होने के बाद फ़ाइज़र-बायोएनटैक वैक्सीन के विविध प्रकार के टीकों को यहाँ तैयार किया जा सकेगा, जिसका कोविड-19 के विरुद्ध प्रतिरक्षण के लिये व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है.
साथ ही, मलेरिया और टीबी के विरुद्ध प्रायोगिक वैक्सीन का उत्पादन कर पाना भी सम्भव होगा.
यूएन प्रमुख ने ‘विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह’ की समाप्ति के अवसर पर कहा कि विश्व भर में वास्तविक वैक्सीन समता को आकार दिया जाना ज़रूरी है.
उन्होंने क्षोभ व्यक्त किया कि अफ़्रीका में क़रीब 80 फ़ीसदी आबादी का कोविड-19 के विरुद्ध टीकाकरण ना हो पाना अस्वीकार्य है.
कोविड-19 से उबरने की योजना के तहत, सेनेगल अपने दवा विनिर्माण सैक्टर को मज़बूती प्रदान करने के लिये प्रयासरत है.
एक अनुमान के अनुसार, टीकाकरण केंद्र के ज़रिये देश की ज़रूरतों के 50 फ़ीसदी टीकों का इस्तेमाल यहाँ तैयार किया जा सकेगा.
वैश्विक संकट पर कार्रवाई
बताया गया है कि निवेश की मात्रा बढ़ाया जाना, सिलसिलेवार संकटों को झेल रहे विकासशील देशों को समर्थन प्रदान करने की वैश्विक रणनीति का एक अहम हिस्सा है.
मार्च 2022 में यूएन प्रमुख ने यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के बाद, खाद्य, ऊर्जा व वित्त पोषण पर एक वैश्विक संकट कार्रवाई समूह स्थापित किया था.
उन्होंने सचेत किया था कि रूसी आक्रमण से विश्व अर्थव्यवस्था पर चिन्ताजनक असर हुआ है, जबकि देश पहले से ही कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन से पीड़ित हैं.
राष्ट्रपति मैकी साल्ल, विश्व के उन छह नेताओं में हैं, जिन्हें इस समूह के चैम्पियन के रूप में चुना गया है और वे संकट की तात्कालिक रोकथाम, उसके असर को कम करने और संकट से निपटने के लिये महासचिव की पुकार को समर्थन दे रहे हैं.
राष्ट्रपति साल्ल, वर्ष 2022 के लिये अफ़्रीकी यूनियन के प्रमुख की भी ज़िम्मेदारी सम्भाल रहे हैं.
नए समाधान की तलाश
वैश्विक संकट कार्रवाई समूह के ज़रिये, देशों से विकास पुनर्बहाली और मानव कल्याण उपायों के लिये आवश्यक वित्त पोषण हेतु नए रास्तों की तलाश करने का आहवान किया गया है.
यूएन प्रमुख ने डाकर में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि खुले बाज़ारों में भोजन व ऊर्जा की निरन्तर आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाना होगा, और हर प्रकार की अनावश्यक निर्यात पाबन्दियों को हटाना होगा.
उन्होंने सचेत किया कि जमाखोरी की प्रवृत्ति से बचने और ऊर्जा के रणनैतिक भण्डार को जारी किये जाने की आवश्यकता है.
संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में युद्ध के परिणामस्वरूप, इस वर्ष 25 करोड़ लोगों के चरम निर्धनता का शिकार होने की आशंका जताई है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को अहम भूमिका निभाते हुए, कर्ज़ राहत सुनिश्चित करनी होगी ताकि देश सामाजिक संरक्षा उपायों व टिकाऊ विकास के लिये निवेश कर पाने में सक्षम हों.