अफ़ग़ानिस्तान में हमलों की निन्दा, आमजन को निशाना बनाए जाने का 'चिन्ताजनक रुझान'
प्राप्त समाचारों के अनुसार, एक धमाका बल्ख़ प्रान्त के मज़ार-ए-शरीफ़ में स्थित सेह दोकन मस्ज़िद में हुआ, जिसमें तीन श्रृद्धालुओं की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हुए.
अफ़ग़ान प्रशासन ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है, चूँकि फ़िलहाल अनेक पीड़ित अभी अस्पताल में भर्ती हैं.
एक अन्य घटना में काबुल शहर के एक इलाक़े में आईईडी विस्फोट हुआ जिसमें दो युवा मामूली रूप से घायल हुए हैं.
उधर, कुन्दूज़ प्रान्त के सरदावर में हुए तीसरे धमाके में, 11 लोगों के हताहत होने का समाचार है.
अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) ने मज़ार-ए-शरीफ़ में एक धार्मिक स्थल पर आम लोगों को निशाना बनाकर किये गए भयावह हमले की कड़े शब्दों में निन्दा की है.
यूएन मिशन ने अपने एक ट्वीट सन्देश में क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में आमजन पर बढ़ते हमले, एक चिन्ताजनक रुझान दर्शाते हैं.
“इसे तत्काल रोका जाना होगा और दोषियों की जवाबदेही तय की जानी होगी.”
इससे पहले, देश की राजधानी काबुल में मंगलवार को दो शैक्षिक संस्थानों में घातक विस्फोटों में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हुए थे.
अपार पीड़ा
अफ़ग़ानिस्तान में यूएन महासचिव के विशेष उप प्रतिनिधि और मानवीय मामलों के लिये समन्वयक रमीज़ ऐलकबरोफ़ ने इन तीन अलग-अलग हमलों की कड़े शब्दों में निन्दा की है.
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, “अफ़ग़ानिस्तान की जनता ने पहले से ही अपार पीड़ा सहन की है, और लोगों को इन मूर्खतापूर्ण व भयावह हमलों से छुटकारा मिलना चाहिये.”
यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने पीड़ितों और इस हमले में प्रभावित हुए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.
उप प्रतिनिधि ऐलकबरोफ़ ने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के तहत आमजन व नागरिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के दायित्व को पूरा किये जाने का आग्रह किया है.